अंजलि यादव,
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया,
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने हाल ही में नए आईटी रूल देश में लागू किए हैं जिसका सभी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को पालन करना हो, जिसमे ट्विटर, फेसबुक समेत कई सोशल मीडिया शामिल हैं. नए नियम के तहत इन प्लेटफॉर्म को शिकायतों के निपटारे के लिए देश में शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति करना अनिवार्य है. लेकिन जिस तरह से ट्विटर इसमे देरी कर रहा है, उसपर दिल्ली हाई कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है. दिल्ली हाई कोर्ट की जस्टिस रेखा पाली ने पूछा, आपको इस काम को करने में कितना समय लगता है, अगर ट्विटर को यह लगता है कि हमारे देश में वह जितना चाहे समय ले सकता है तो मैं इसकी इजाजत नहीं दूंगी. कोर्ट ने कहा कि शिकायतों के निपटारे के लिए शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति नहीं करके ट्विटर नए आईटी कानूनों का उल्लंघन कर रहा है.
हमारे देश में ये नहीं चलेगा- दिल्ली HC
कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान ट्विटर ने इस बात को स्वीकार किया है कि उसने नए आईटी कानून का पालन नहीं किया है. जिसके बाद कोर्ट ने साफ कहा कि
हम आपको कोई सुरक्षा नहीं दे सकते हैं. सरकार आपके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है. बता दें कि ट्विटर के खिलाफ शिकायत निवारण अधिकारी नियुक्त नहीं करने को लेकर अमित आचार्य ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि क्या ट्विटर नियमों का पालन नहीं कर रहा है इसपर केंद्र की ओर से हां में जवाब दिया गया. ट्विटर की ओर से कोर्ट में पेश हुए वकील सज्जन पुवैया ने भी इस बात को स्वीकार किया कि ट्विटर ने नए ट्विटर कानून का पालन नहीं किया.
कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा कि 26 फरवरी को नए आईटी कानून का नोटिफिकेशन जारी किया गया था, इसके बादतीन महीने का समय गलती को ठीक करने का दिया गया था. लेकिन इस दिशा में ट्विटर की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया. यही वजह है कि सरकार को उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू करनी पड़ी. जिसके बाद कोर्ट ने कहा कि सरकार ट्विटर के खिलाफ जो एक्शन लेना चाहती है वो ले सकती है हम ट्विटर को प्रोटेक्शन नहीं दे सकते हैं. ट्विटर को यह समझ होनी चाहिए कि उन्हें किस तरह का बर्ताव करने की जरूरत है.
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